नमस्कार ' नम:' धातु से बना है 'नमस्कार'। नम: का अर्थ है नमन करना या झुकना। नमस्कार का मतलब पैर छूना नहीं होता। नमस्कार शब्द हिन्दी, गुजराती, मराठी, तमिल, बंगाली आदि वर्तमान में प्रचलित भाषाओं का शब्द नहीं है। यह हिन्दू धर्म की भाषा संस्कृत का शब्द है। संस्कृत से ही सभी भाषाओं का जन्म हुआ। नमस्कार करते समय व्यक्ति क्या करें और क्या न करें इसके भी शास्त्रों में नियम हैं। नियम से ही समाज चलता है। नमस्कार के मुख्यत: तीन प्रकार हैं:- सामान्य नमस्कार, पद नमस्कार और साष्टांग नमस्कार। सामान्य नमस्कार : किसी से मिलते वक्त सामान्य तौर पर दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर नमस्कार किया जाता है। प्रतिदिन हमसे कोई न कोई मिलता ही है, जो हमें नमस्कार करता है या हम उसे नमस्कार करते हैं। पद नमस्कार : इस नमस्कार के अंतर्गत हम अपने परिवार और कुटुम्ब के बुजुर्गों, माता-पिता आदि के पैर छूकर नमस्कार करते हैं। परि...
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